Saturday, February 15, 2014

चचा ग़ालिब की १४५ वीं पुण्यतिथि पर विशेष

आज मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” की १४५ वीं पुण्यतिथि है | इस मौके पर पेश है उनका एक शेर जो मुझे बेहद पसंद है |

"हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है"

2 comments:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस प्रस्तुति को आज की मिर्ज़ा ग़ालिब की 145वीं पुण्यतिथि और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

shikha varshney said...

कुछ एक और लिखे होते ....

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