मैकदे से मैंने पूछा...
"आज बियाबान कैसे हो ??"
बोला,
"हुजुर.. लहू का दौर है, शराब कौन पीता है...???"
"आज बियाबान कैसे हो ??"
बोला,
"हुजुर.. लहू का दौर है, शराब कौन पीता है...???"
मेरा यह ब्लॉग समर्पित है उन शायरों को जिन को मैं पढ़ता आया हूँ और जिन के अश्आर मुझे सुकून देते है ! उन सब शायरों को मेरा सलाम !
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