"तर्के-मय को ऐ वाइज़ तू न कुछ समझ लेना;
इतनी पी चुका हूँ के और पी नहीं जाती!!
इतनी पी चुका हूँ के और पी नहीं जाती!!
शेरो शायरी क्या है सब उसी का चक्कर है;
वो कसक जो सीने से आज भी नहीं जाती!!"
- मौलाना हारून 'अना' क़ासमी
वो कसक जो सीने से आज भी नहीं जाती!!"
- मौलाना हारून 'अना' क़ासमी
2 comments:
वाह !
उम्दा - वाह वाह वाह !!!
Post a Comment