Sunday, May 8, 2016

माँ दिवस पर विशेष

 माँ 
बेसन की सौधी रोटी पर
खट्टी चटनी - जैसी माँ
याद आती है चौका - बासन
चिमटा , फुकनी - जैसी माँ ||

बान की खुर्री खाट के ऊपर
हर आहट पर कान धरे
आधी सोयी आधी जागी
थकी दोपहरी - जैसी माँ ||

चिडियों की चहकार में गूँजे
राधा - मोहन , अली - अली
मुर्गे की आवाज़ से खुलती
घर की कुण्डी - जैसी माँ ||

बीवी , बेटी , बहन , पडोसन
थोडी - थोडी सी सब में
दिन भर एक रस्सी के ऊपर
चलती नटनी - जैसी माँ ||

बाँट के अपना चहेरा , माथा
आँखे जाने कहाँ गई
फटे पुराने एक एल्बम में
चंचल लड़की - जैसी माँ ||

----- निदा फाजली .

3 comments:

शिवम् मिश्रा said...

मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाओं सहित , " ब्लॉग बुलेटिन की मदर्स डे स्पेशल बुलेटिन " , मे इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... पढ़ें जरूर !

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर ।

कविता रावत said...

आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!

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