मिर्ज़ा गालिब साहब का यह शेर तो मेरे दिल के बहुत करीब है ... क्यूँ कि इस मे मेरी जन्मभूमि का जिक्र है !
Thursday, October 11, 2012
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मेरा यह ब्लॉग समर्पित है उन शायरों को जिन को मैं पढ़ता आया हूँ और जिन के अश्आर मुझे सुकून देते है ! उन सब शायरों को मेरा सलाम !
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