मित्रों , आज अदम गोंडवी साहब का एक शे'र आप सब की नज़र करता हूँ ... देखिये बिलकुल सादा शब्दों क्या दमदार और गहरी बात कही है उन्होने ...
"एक जनसेवक को दुनिया में 'अदम' क्या चाहिए ... ;
चार छ: चमचे रहें, माइक रहे, माला रहे ..."
- अदम गोंडवी
2 comments:
बस अब और क्या चाहिये?? सुन्दर :)
आओ फिर दिल बहलाएँ ... आज फिर रावण जलाएं - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को दशहरा और विजयादशमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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